Monday, September 6, 2021

महाकाल स्तुति

                       ( महाकाल स्तुति )

शांत और सौम्य हैं जो
 है समेटे काल को
काल के भी स्वामी है जो 
नमन  है महाकाल को।1।

शक्ति जिनसे शक्ति पाती 
है जगत विस्तार को
जिनसे ऊर्जा सूर्य पाता 
नमन है महाकाल को।2।

निराकार है सर्वव्यापी
शून्य से ब्रह्माण्ड तक
अंत से प्रारम्भ हो जो 
नमन  है महाकाल को।3।

अग्नि का जो तेज है
वायु का जो वेग है
जो है हलाहल का भी हल
नमन है महाकाल को।4।

नाथ मेरे प्राण के जो
प्राण जो संसार के
हैं जो देवो के भी देव 
नमन है महाकाल को।5।

त्रिगुणो से जो परे
है त्रिलोचन त्रिपुर नाशी
त्रिकाल के जो स्वामी है
नमन है महाकाल को।6।

जिनकी भुजाओं मे बसी है
शक्ति समस्त ब्रम्हांड की
शोभायमान पीनाक जिनसे
नमन है महाकाल को।7।

योग जिनसे जन्म लेता
वेद जिनसे ज्ञान है
जिनसे कला ने रूप पाया
नमन है महाकाल को।8।

जन्म लेता जगत जिनसे
मृत्यु पाता पाप है
सर्वनाशी क्रोध जिनका
नमन है महाकाल को।9।

केंद्र मेरे कर्म का 
ज्ञान मेरा आप हो
धूल जिनके चरणों का मै
नमन है महाकाल को।।10।।

🖋️कलम - Vikas patel


*पाठको से अनुरोध है की किसी भी प्रकार की त्रुटि या किये जा सकने वाले सुधारो को अवश्य ही कमेंट कर के बताये


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कविता - वीर