Monday, October 18, 2021

धर्म पथ

                               ( धर्म पथ )

धर्म के पथ पर कदम बढ़े हैं 
अंगारे भी फूल बने
है संकल्प निर्माण का जो 
तिनका तिनका अब शूल बने।।

 हे मातृभूमि हे माता जननी
 शुभ आशीष आपका हो
 मार्ग हमारा कठिन बहुत
 संकल्प हमारा त्रिशूल बने।।

 मातृभूमि की सेवा में
 कमी कोई ना रह जायें 
 जो तोड़ के खुद को अर्पण कर दे
 हम ऐसे त्यागी फूल बने।।

 जिन मक्कारो ने छीन रखी है
 सुख शांति अपने लोगों की
 उनके जीवन की राहों में
 हम समय बड़ा प्रतिकूल बने।।

 जो बनके दीमक चाट रहे हैं
 भारतवर्ष की एकता
 काट के इनकी शाखाएं
 इनको हम निर्मूल करें।।

खा कर के जो नमक राष्ट्र का
सडयंत्र रचाया करते है
कर बेनकाब इन सर्पो को
नाश इनका मूल बने।।

 चलना है अब हो संगठित
 युग परिवर्तन के पथ पर
 जो जोड़ सके मानवता को
 हम ऐसे अविचल फूल बने।।

🖋️ विकास पटेल

 * कविता मे किसी भी प्रकार की त्रुटि को अवश्य बताये
    इसके साथ ही पाठको के सुझाओ का स्वागत है।।

*यह कविता मेरे मित्र हर्ष देवांगन( महामंत्री ) भारतीय जनता युवा मोर्चा (सक्ती)  एवं भारतीय जनता युवा मोर्चा (सक्ती ) के अन्य सभी सदस्यों द्वारा किये गए सराहनीय कार्यों से प्रभावित होकर लिखी गई है।यह कविता आप सभी के देश हित की सोच एवं उच्च महत्वकांक्षा  को बतलाती है है यह कविता अवश्य ही आपका मनोबल बढ़ायेगी।

आशा है भारतीय जनता युवा मोर्चा ( सक्ती) प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ते हुए राष्ट्र हित मे सदैव कार्य करेंगी।

शुभकामनायें एवं अपेक्षाओं के साथ...




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12 comments:

Himanshi Rathore said...

Awesome lines sir❤️🥰

Unknown said...

Amazing line sir

Pratham Agrawal said...

Amazing line sir 👏

Harsh dewangan said...

हमारे भारतीय जनता युवा मोर्चा सक्ति के लिए लिखने एवम राष्ट्रप्रेम भाव व्यक्त करने के लिए मेरे परम मित्र भाई विकास पटेल को बहुत बहुत आभार एवम इनकी कविता राष्ट्र भक्ति को प्रेरित एवम समर्पित करती है

Unknown said...

Very nice sir....

Unknown said...

Nice bhaiya

Unknown said...

🇮🇳🙏👍😊

Unknown said...

Superb lines..😊😊

Nikhil said...

Bahut badhiya Vikash

Rini khetan said...

👍👌👌

Rini khetan said...

Amazing line sir 🤩🤩

Unknown said...

Bahut badhiya bhiya😍

कविता - वीर