Saturday, June 18, 2022

कविता - मणिकर्णिका

                 (कवितामणिकर्णिका)

मणिकर्णिका नाम सुनो
 तुम साहस की पहचान सुनो,
बाते करती तलवारो से जो
 तुम उस रानी का नाम सुनो।। 1

स्त्री जाती की ताकत का
जिसने परचम था लहराया
अवतार भवानी माँ की जो
तुम उस रानी का नाम सुनो।।2

खेल खिलौनो वाला तो 
बच्चे खेला करते हैं,
जो खेलती थी हथियारों से 
तुम उस रानी का नाम सुनो।।3

व्याह हुआ पर नियति घोर थी 
25 में थी महारानी जो 
जो अंग्रेजो को धूल चटाती
तुम उस रानी का नाम सुनो।।4


गोरो का अन्याय देख
सन संतावान में काल बनी
जिसे देख फिरंगी कांपा करते
तुम उस रानी का नाम सुनो।।5


लड़ने पर जब आती थी ओ
तब रक्त प्यासी बन जाती थी
जो डरी नहीं किसी सेना से
तुम उस रानी का नाम सुनो।।6


लड़े अंत तक कई वीर
घनघोर अंधेरा था छाया
पर झुकी नहीं जो रानी
तुम उस रानी का नाम सुनो।।7


मातृभूमि की रक्षा को
लड़ी सांस अंतिम तक जो
स्वाभिमान अजेय था जिनका
तुम उस रानी का नाम सुनो।।8

महारानी लक्ष्मी बाई
झाँसी की रखवाली जो 
अमर रहेगी चिर काल तक
मणिकर्णिका नाम सुनो।।8

झाँसी की रानी नाम सुनो।।
रानी लक्ष्मी बाई नाम सुनो।।

🖋️विकास पटेल


* यह कविता बच्चों के लिए लिखी गई है, जिसमे वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई के जीवन को कुछ पंक्तियों में समेटने की तुच्छ प्रयास किया गया हैं। 



*पाठकों के सुझाओं का स्वागत रहेगा।



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कविता - वीर